खोलो समाधी भोले शंकर, मुझे दरश दिखाओ(Kholo Samadhi Bhole Shankar Mujhe Darsh Dikhao)

खोलो समाधी भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ,

इस जग की झूठी माया,

से मुझको बचाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


शिव शिव जपती मैं,

दूर से आई,

शिव शिव जपती मैं,

दूर से आई,

दर दर की ठोकरें है खाई,

मुझे दरश दिखाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


तुमको ढूंढा प्रभु,

मंदिर मंदिर,

तुमको ढूंढा प्रभु,

मंदिर मंदिर,

फिर भी प्रभु ढूंढ ना पाई,

मुझे दरश दिखाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


लाई मैं भोले बाबा,

बेल धतूरा,

लाई मैं भोले बाबा,

बेल धतूरा,

गंगा जल मैं लेके आई,

मुझे दरश दिखाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


करो मोपे किरपा,

मेरे भोले बाबा,

करो मोपे किरपा,

मेरे भोले बाबा,

दासी का भाग्य जगाओ,

मुझे दरश दिखाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


खोलो समाधी भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ,

इस जग की झूठी माया,

से मुझको बचाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥

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धूम मची है धूम माँ के दर (Dhoom Machi Hai Dhoom Maa Ke Dar)

धूम मची है धूम माँ के दर,
धूम मची है धूम ॥

होली क्यों मनाई जाती है

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है। इस दिन पूरा देश अबीर-गुलाल और रंग में सराबोर रहता है। हर कोई एक-दूसरे पर प्यार के रंग बरसाते हैं। होली के रंगों को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।

Heri Sakhi Mangal Gavo Ri..(हेरी सखी मंगल गावो री..)

चोख पुरावो, माटी रंगावो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे

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