खोलो समाधी भोले शंकर, मुझे दरश दिखाओ(Kholo Samadhi Bhole Shankar Mujhe Darsh Dikhao)

खोलो समाधी भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ,

इस जग की झूठी माया,

से मुझको बचाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


शिव शिव जपती मैं,

दूर से आई,

शिव शिव जपती मैं,

दूर से आई,

दर दर की ठोकरें है खाई,

मुझे दरश दिखाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


तुमको ढूंढा प्रभु,

मंदिर मंदिर,

तुमको ढूंढा प्रभु,

मंदिर मंदिर,

फिर भी प्रभु ढूंढ ना पाई,

मुझे दरश दिखाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


लाई मैं भोले बाबा,

बेल धतूरा,

लाई मैं भोले बाबा,

बेल धतूरा,

गंगा जल मैं लेके आई,

मुझे दरश दिखाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


करो मोपे किरपा,

मेरे भोले बाबा,

करो मोपे किरपा,

मेरे भोले बाबा,

दासी का भाग्य जगाओ,

मुझे दरश दिखाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥


खोलो समाधी भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ,

इस जग की झूठी माया,

से मुझको बचाओ,

खोलो समाधि भोले शंकर,

मुझे दरश दिखाओ ॥

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वो काला एक बांसुरी वाला (Wo Kala Ek Bansuri Wala)

वो काला एक बांसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे ।

श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके चले आना प्रभुजी चले आना - भजन (Shrinath Banke Dinanath Banake Chale Aana Prabhuji Chane Aana)

श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥

भीष्म अष्टमी पर करें गंगा स्नान

भीष्म अष्टमी सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन विशेष रूप से पितरों को समर्पित होता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके वंश में संतान नहीं होती। यह पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र (Shiv Panchakshar Stotram )

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥ ॥ Shrishivpanchaksharastotram ॥
nagendraharay trilochanay,
bhasmangaragay maheshvaray .
nityay shuddhay digambaray,
tasmai na karay namah shivay .1.

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