मात भवानी अम्बे माँ (Maat Bhawani Ambe Maa)

मात भवानी अम्बे माँ,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥


जब भी चला कोई लेके सफीना,

तूफा से वो लड़ता जाए,

नाम तेरा माँ रटते रटते,

भव सागर तर जाए,

जब डूबेगी नैया तू आ जाना मैया,

ये गहरा है सागर का पानी।

मात भवानी अम्बे मां,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥


आए मुसीबत मुझ पर अगर माँ,

पलभर में वो लौट जाए,

तेरे चरणों में ये सर झुकाऊं,

जीवन सफल हो जाए,

मैं दिल से पुकारू माँ अर्ज गुजारु,

अब पार करो कल्याणी।

मात भवानी अम्बे मां,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥


है ये तमन्ना ओ अम्बे मैया,

तेरा करम हो जाए,

शीतल हो जाए तन मन दोनों,

पावन ये घर हो जाए,

ये नजरे है प्यासी है विनती जरासी,

मेरे घर भी मैया तू आना।

मात भवानी अम्बे मां,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥


मात भवानी अम्बे माँ,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥

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छठ पूजा: मारबो रे सुगवा (Marbo Re Sugwa Dhanukh Se Chhath Puja Song)

ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए।

कब है भीष्म द्वादशी

महाभारत में अर्जुन ने भीष्म पितामह को बाणों की शैय्या पर लिटा दिया था। उस समय सूर्य दक्षिणायन था। इसलिए, भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया और माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन अपने प्राण त्यागे।

मैली चादर ओढ़ के कैसे - भजन (Maili Chadar Odh Ke Kaise)

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तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया - भजन (Tu Tedha Teri Tedhi Re Najariya)

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