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मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की
तेरी मेरी पार पड़ै ना
बेशक लिखी पहला की
तू भोला पर्वत का रे मैं रानी महला की
तेरी मेरी जोरी खूब जमे
या लिखी पहला की
किसे राजा तै ब्याह करवाले
मेरी गैल म रै पछतावैगी
तेरी काया पड़ज्या काली रै
तनै याद महल की आवैगी
मेरा काम्बल तक का ब्योंत नहीं
जाड़े म ठर ठर काम्बैगी
मैं आँख तीसरी आला सूं
मेरे छो नै क्यूँकर साम्भैगी
हठ छोड़ दे नै गौरी
मेरी रहण नै गैल्या की
मैं ज़िन्दगी ना दे सकता तन्नै
राजे छेल्यां की
मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की
तेरी मेरी पार पड़ै ना
बेशक लिखी पहला की
मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की
तेरी मेरी पार पड़ै ना
बेशक लिखी पहला की
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तेरे हाथ म छाले पड़ ज्यांगे
जद भांग मेरी तू घोटैगी
मेरे प्यार के सर म खोकै तू
सब हसदे हसदे ओटैगी
मेरे भाग म लिखा कालकूट का
जहर पडैगा पीणा रै
तू देख देख कै रोवैगी
यो जीणा भी के जीणा रै
परिवार नहीं मेरा
यारी भूत और बैला की
क्यूँ छोड़ कै आवै सुख छोरी
तू राणी महला की
मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की
तेरी मेरी पार पड़ै ना
बेशक लिखी पहला की
मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की
तेरी मेरी पार पड़ै ना
बेशक लिखी पहला की
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गल नाग रहवै निर्भाग रहवै
मेरे चौथरफे कै आग रहवै
मेरा गुरु अंगीरा ऋषि होया
अलबेले तांडव राग रहवै
एक डमरू सै एक लौटा सै
अर एक यो कुण्डी सोटा सै
तू प्रीत लगावै कड़ै बता
मेरा भाग कसूता खोटा सै
मैं समझ सकू सारी
पीड़ा तेरे नैना की
क्यूँ भागी बणै इस जीवन म
तू काली रैना की
मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की
तेरी मेरी पार पड़ै ना
बेशक लिखी पहला की
मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की
तेरी मेरी पार पड़ै ना
बेशक लिखी पहला की
........................................................................................................श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है मासानां मार्गशीर्षोऽहम् यानी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस माह को धार्मिक ग्रंथों में पवित्र और फलदायी बताया गया है।
शरद पूर्णिमा के बारे में कहा जाता है कि इस दिन रात को चंद्रमा की रोशनी से अमृत बरसता है। अश्विन मास की पूर्णिमा का ये दिन शरद ऋतु की शुरुआत माना जाता है।
सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है।
गुड़ी पड़वा मुख्य रूप से चैत्र माह में नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसी दिन से नववर्ष की शुरुआत भी होती है। इस साल गुड़ी पड़वा 30 मार्च, रविवार को मनाई जाएगी और इसी दिन चैत्र नवरात्रि भी शुरू होगी।
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TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
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