मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ (Main To Shiv Hi Shiv Ko Dhyau)

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,

जल से स्नान कराऊँ,

मैं तो चावल चंदन चढ़ाऊँ,

मैं तो चावल चंदन चढ़ाऊँ,

और आक धतूरा ल्याऊँ,

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊं,

जल से स्नान कराऊँ ॥


मैं तो जलधारा बरसाऊँ,

मैं तो जलधारा बरसाऊँ,

और अगड़बंब मुख गाऊँ,

और अगड़बंब मुख गाऊँ,

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊं,

जल से स्नान कराऊँ ॥


तब प्रसन्न भए शिव राजा,

तब प्रसन्न भए शिव राजा,

वर माँगो सारू काजा,

वर माँगो सारू काजा ॥


मोको और कछु ना चाहिए,

श्री राधा कृष्ण मिलइये,

मोको और कछु ना चाहिए,

श्री राधा कृष्ण मिलइये ॥


धन नरसी बुद्धि तिहारी,

धन नरसी बुद्धि तिहारी,

ते तो वर मांग्यो अति भारी,

ते तो वर मांग्यो अति भारी ॥


अस बुद्धि और को पावे,

अस बुद्धि और को पावे,

हरि भक्तन को हरि भावे,

मोको और कछु ना चाहिए,

श्री राधा कृष्ण मिलइये,

मोको और कछु ना चाहिए,

श्री राधा कृष्ण मिलइये ॥


मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,

जल से स्नान कराऊँ,

मैं तो चावल चंदन चढाऊँ,

और आक धतूरा ल्याऊँ,

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊं,

जल से स्नान कराऊँ ॥

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धारा तो बह रही है (Dhara Too Beh Rahi Hai)

धारा तो बह रही है,
श्री राधा नाम की,

हम वन के वासी, नगर जगाने आए (Hum Van Ke Vaasi Nagar Jagane Aaye)

हम वन के वासी,
नगर जगाने आए ॥

विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। विनायक चतुर्थी, उन्हीं को समर्पित एक त्योहार है। यह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

हे भोले शंकर पधारो (Hey Bhole Shankar Padharo)

हे भोले शंकर पधारो हे भोले शम्भू पधारो
बैठे छिप के कहाँ जटा धारी पधारो

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