मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान (Maine Tere Hi Bharose Hanuman)

मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


काहे की या नाव बनाई,

काहे की पतवार,

रामा काहे की लगा दी जंजीर,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


राम नाम की नाव बनाई,

भक्ति की पतवार,

ओ रामा ज्ञान की लगा दी जंजीर,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


कौन सखी वामें बैठनहारे,

कौन है खेवनहार,

रामा कौन लगाहे बेड़ा पार,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


सीता मैया बैठनहारी,

लक्ष्मण खेवनहार,

मोरे राम जी लगावे बेड़ा पार,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


तुलसीदास आस रघुवर की,

चरणन में बलिहार,

मोरे बालाजी लगाहे बेडा पार,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥

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जय जय गौरी ललन (Jai Jai Gouri Lalan )

जय जय गौरी ललन,
जय जय हो गजवदन,

हरियाली तीज: शिव-पार्वती से सीखें रिश्ते सहेजना

शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।

तेरे द्वार पे आने वालो ने, क्या अजब नज़ारा देखा है (Tere Dawar Pe Aane Walon Ne Kya Ajab Nazara Dekha Hai)

तेरे द्वार पे आने वालो ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है,

मेरे नैनों की प्यास बुझा दे

मेरे नैनों की प्यास बुझा दे
माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)

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