मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो ।


भोर भयो गैयन के पाछे,

मधुवन मोहिं पठायो ।

चार पहर बंसीबट भटक्यो,

साँझ परे घर आयो ॥


मैं बालक बहिंयन को छोटो,

छींको किहि बिधि पायो ।

ग्वाल बाल सब बैर परे हैं,

बरबस मुख लपटायो ॥


तू जननी मन की अति भोरी,

इनके कहे पतिआयो ।

जिय तेरे कछु भेद उपजि है,

जानि परायो जायो ॥


यह लै अपनी लकुटि कमरिया,

बहुतहिं नाच नचायो ।

सूरदास तब बिहँसि जसोदा,

लै उर कंठ लगायो ॥

........................................................................................................
जय अम्बे जगदम्बे मां (Jai Ambe Jagdambe Maa)

जब जब पापी पाप बढ़ाए,धर्म पे ग्रहण लगाए।
त्रिसूलधारी पाप मिटाने, इस धरती पर आए॥

वन्दे मातरम् - राष्ट्रगीत (Vande Mataram - National Song)

वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्

देखो राजा बने महाराज (Dekho Raja Bane Maharaj)

देखो राजा बने महाराज,
आज राम राजा बने,

माँ के चरणों में ही तो, वो जन्नत होती है(Maa Ke Charno Mein Hi To Vo Jannat Hoti Hai)

जहाँ पे बिन मांगे,
पूरी हर मन्नत होती है,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।