माँगा है भोलेनाथ से, वरदान एक ही(Manga Hai Bholenath Se Vardan Ek Hi)

माँगा है भोलेनाथ से,

वरदान एक ही,

तेरी कृपा बनी रहे,

जब तक है ज़िंदगी,

मांगा है भोलेनाथ से,

वरदान एक ही ॥


जिस पर तुम्हारा हाथ था,

वो पार हो गया,

जो भी शरण में आ गया,

उद्धार हो गया,

जिसने भरोसा कर लिया,

डूबा कभी नहीं,

तेरी कृपा बनी रहे,

जब तक है ज़िंदगी,

मांगा है भोलेनाथ से,

वरदान एक ही ॥


कोई समझ सका नहीं,

माया बड़ी अजीब,

चरणों में जो भी आ गया,

वो तो है खुशनसीब,

इसके तो मर्ज़ी के बिना,

पत्ता हीले नही,

तेरी कृपा बनी रहे,

जब तक है ज़िंदगी,

मांगा है भोलेनाथ से,

वरदान एक ही ॥


ऐसे दयालु बाबा से,

रिश्ता बनाइये,

मिलता रहेगा आपको,

जो कुछ भी चाहिए,

ऐसा करिश्मा होगा जो,

पहले हुआ नहीं,

तेरी कृपा बनी रहे,

जब तक है ज़िंदगी,

मांगा है भोलेनाथ से,

वरदान एक ही ॥


कहते है लोग जिंदगी,

किस्मत की बात है,

किस्मत बनाना भी मगर,

बाबा के हाथ है,

‘बनवारी’ करले तू यकीं,

ज्यादा समय नहीं,

तेरी कृपा बनी रहे,

जब तक है ज़िंदगी,

मांगा है भोलेनाथ से,

वरदान एक ही ॥


माँगा है भोलेनाथ से,

वरदान एक ही,

तेरी कृपा बनी रहे,

जब तक है ज़िंदगी,

मांगा है भोलेनाथ से,

वरदान एक ही ॥


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मसान होली की पौराणिक कथा

मसान होली दो दिवसीय त्योहार माना जाता है। मसान होली चिता की राख और गुलाल से खेली जाती है। काशी के मणिकर्णिका घाट पर साधु-संत इकट्ठा होकर शिव भजन गाते हैं और नाच-गाकर जीवन-मरण का जश्न मनाते हैं और साथ ही श्मशान की राख को एक-दूसरे पर मलते हैं और हवा में उड़ाते हैं। इस दौरान पूरी काशी शिवमय हो जाती है और हर तरफ हर-हर महादेव का नाद सुनाई देता है।

बाबा मुझे दर्शन दें महाकाल (Baba Mujhe Darshan De Mahakal)

मैं आया उज्जैन महाकाल,
बाबा मुझे दर्शन दे,

कृष्ण जन्माष्टमी स्त्रोत

पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। 3 का जन्म कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

वह शक्ति हमें दो दया निधे (Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe)

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।

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