मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा (Mera Haath Pakad Le Re, Kanha)

मेरा हाथ पकड़ ले रे,

कान्हा दिल मेरा घबराये,

काले काले बादल,

गम के बादल,

सिर पे मेरे मंडराये,

॥ मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा...॥


अगर मेरे वश में,

होता कन्हैया,

तो पार लगाता मैं,

खुद अपनी नैया,

यहाँ वहाँ रखूं,

जहाँ जहाँ रखूं,

पाँव फिसलता जाये,

॥मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा..॥


अगर आना है तो,

आजा कन्हैया,

पार लगा जा,

बन के खिवैया,

धीरे धीरे करके,

थोड़ा थोड़ा करके,

वक्त गुजरता जाये रे,

॥मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा..॥


नहीं आना हो तो,

खबर भेजे देंना,

हालत उठाकर,

नज़र देख लेना,

कही ऐसा ना हो,

तेरे भरोसे,

बनवारी रह जाये रे,

॥मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा..॥


मेरा हाथ पकड़ ले रे,

कान्हा दिल मेरा घबराये,

काले काले बादल,

गम के बादल,

सिर पे मेरे मंडराये रे,

॥मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा..॥


मेरा हाथ पकड़ ले रे,

कान्हा दिल मेरा घबराये,

काले काले बादल,

गम के बादल,

सिर पे मेरे मंडराये


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आजा माँ तेनु अखियां उडीकदीयां (Aja Maa Tenu Ankhiyan Udeekdiyan)

आजा माँ तेनु अखियां उडीकदीयां।
अखियां उडीकदीयां, दिल वाजा मारदा॥

मौनी अमावस्या पर पितरों का आशीर्वाद

मौनी अमावस्या पर लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिलता है।

आते हैं हर साल नवराते माता के

हो, चैत महीना और अश्विन में, ओ..
चैत महीना और अश्विन में, आते मां के नवराते।
मुंह मांगा वर उनको मिलता, जो दर पे चलके आते।

माता जानकी के जन्म से जुड़ी कथा

माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।

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