मेरे बाबा तुझे किसने सजाया, दिल गया हार सांवरे (Mere Baba Tujhe Kisne Sajaya Dil Gaya Haar Sanware)

मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे,

मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


मोर मुकुट कानो में कुण्डल,

सूर्य प्रभात सा है मुख मंडल,

तेरा रूप देख मन हर्षाया,

तेरा रूप देख मन हर्षाया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


मोहिनी सूरत छटा अति प्यारी,

देवता भी जाते है बलिहारी,

किसने फूलों से श्रृंगार कराया,

किसने फूलों से श्रृंगार कराया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


स्वर्ग से सुन्दर तेरा नज़ारा,

‘सुमित’ को बाबा दे दो सहारा,

अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,

अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे,

मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥

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आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में - भजन (Aaj Hai Anand Baba Nand Ke Bhawan Mein)

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,

मासिक दुर्गाष्टमी तिथि और शुभ-मुहूर्त

प्रत्येक महीने की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां दुर्गा के चरण और शरण में रहने से साधक को सभी प्रकार के सुखों मिलते हैं।

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बेगा सा पधारो जी, सभा में म्हारे आओ गणराज (Bega Sa Padharo Ji Sabha Mein Mhare Aao Ganraj)

बेगा सा पधारो जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,

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