मेरी मैया ने ओढ़ी लाल चुनरी (Meri Maiya Ne Odhi Laal Chunari)

मेरी मैया ने ओढ़ी लाल चुनरी,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

कमाल चुनरी, कमाल चुनरी ॥


झिलमिल सितारों जड़ी,

माँ की चुनरिया,

लश्कारा मारे माँ के,

माथे की बिंदिया,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

कमाल चुनरी, कमाल चुनरी ॥


लाल चोला माँ का लाल,

फुलों का हार है,

हाथों में चूड़ा लाल,

मेहँदी चटकार है,

लाल रत्नो की पहनी,

है मैया मुंदरी,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

कमाल चुनरी, कमाल चुनरी ॥


आये नवराते पावन,

शुभ घडी आई,

बच्चो की याद ‘कुंदन’,

माँ को सताई,

बांटने प्यार पर्वत से,

मैया उतरी,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

कमाल चुनरी, कमाल चुनरी ॥


मेरी मैया ने ओढ़ी लाल चुनरी,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

कमाल चुनरी, कमाल चुनरी ॥

........................................................................................................
गोबिंद चले चरावन गैया (Gobind Chale Charavan Gaiya)

गोबिंद चले चरावन गैया ।
दिनो है रिषि आजु भलौ दिन,

शिव अमृतवाणी (Shiv Amritwani)

कल्पतरु पुन्यातामा,
प्रेम सुधा शिव नाम

कार्तिगाई दीपम उत्सव के शुभ मुहूर्त

दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला कार्तिगाई दीपम उत्सव एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।