मोरे उज्जैन के राजा करों किरपा(More Ujjain Ke Raja Karo Kirpa)

मोरे उज्जैन के राजा करो किरपा ॥

दोहा – महाकाल सो नाम नहीं,

और उज्जैन सो कोई धाम,

करले मेरे महाकाल की भक्ति,

तेरे हो जाए सब काम ॥


मोरे उज्जैन के राजा करो किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


शीश गंग तन भस्मी धारी,

रूप अनुपम नंदी सवारी,

तेरी शरण में काल भी हारे,

तुम अनंत कई नाम तुम्हारे,

करो किरपा,

मोरें उज्जैन के राजा करो किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


जिसके मन में शिव ना समाया,

उसने कहाँ फिर शिव को पाया,

फूल नहीं इसलिए भी लाया,

खुद को अर्पण करने आया,

करो किरपा,

मोरें उज्जैन के राजा करो किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


मैं एक दीपक भोले बाबा,

तुम इस दिप की ज्योति,

तेरे नाम से भगत की बाबा,

दुनिया जगमग होती,

अर्जी सुनो उज्जैन के राजा,

किस्मत मेरी खोटी,

करो किरपा,

मोरें उज्जैन के राजा करो किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


मोरे उज्जैन के राजा करों किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥

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अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो (Are Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do)

देखो देखो यह गरीबी, यह गरीबी का हाल,
कृष्ण के दर पे यह विशवास ले के आया हूँ।

ये बाबा बहुत बड़ा हैं (Ye Baba Bahut Bada Hai)

हर भक्तों के दिल से निकले,
एक यही आवाज़,

कब है जया एकादशी?

सनातन धर्म में एक साल में कुल 24 एकादशी आती है। इनमें से माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी मनाई जाती है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

रामदूत महावीर हनुमान, स्वीकारो (Ramdoot Mahavir Hanuman Sweekaro)

प्रनवउँ पवनकुमार,
खल बन पावक ग्यान घन,

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