ना जाने आज क्यो फिर से, तुम्हारी याद आई है (Na Jaane Aaj Kyu Fir Se Tumhari Yaad Aayi Hai)

ना जाने आज क्यों फिर से,

तुम्हारी याद आई है ॥


दोहा – खाक मुझमें कमाल रखा है,

दाता तूने संभाल रखा है,

मेरे ऐबों पे डालकर पर्दा,

मुझे अच्छों में डाल रखा है।

मैं तो कब का मिट गया होता,

तेरी रहमत ने पाल रखा है,

मुझसे नाता जोड़ के तूने,

हर मुसीबत को टाल रखा है ॥


सम्भालों दास को दाता,

मेरी सुध क्यों भुलाई है,

ना जाने आज क्यों फिर से,

तुम्हारी याद आई है ॥


नज़र क्या तुमसे टकराई,

जो नाजुक दिल लुटा बैठे,

इशारा क्या किया तूने,

जो हम खुद को भुला बैठे,

जो हम खुद को भुला बैठे,

मुकर जाओगे वादे से,

तो भक्तो की दुहाई है,

ना जाने आज क्यो फिर से,

तुम्हारी याद आई है ॥


जमाना रूठ जाए पर,

ना रूठो तुम मेरे दाता,

पुराना जन्म जन्मो का,

कन्हैया आपसे नाता,

कन्हैया आपसे नाता,

निगाहें याद से तेरी,

सितमगर बाज आई है,

ना जाने आज क्यो फिर से,

तुम्हारी याद आई है ॥


सबर की हो गई हद अब,

सहा जाता नहीं प्यारे,

नज़र दिलदार से ज्यादा,

कोई आता नहीं प्यारे,

कोई आता नहीं प्यारे,

तुम्हारे द्वार पे ‘काशी’,

ने भी पलकें बिछाई है,

ना जाने आज क्यो फिर से,

तुम्हारी याद आई है ॥


सम्भालों दास को दाता,

मेरी सुध क्यों भुलाई है,

ना जाने आज क्यो फिर से,

तुम्हारी याद आई है ॥

........................................................................................................
ये होगा साल का सबसे छोटा दिन

प्रत्येक साल में एक दिन सबसे छोटा होता है। दरअसल, इस दिन सूर्य धरती के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम बिंदु पर होता है। ज्योतिष के अनुसार साल के सबसे छोटे दिन तक भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुके होते हैं।

जय हो जय हो तेरी माँ यशोदा के लाल (Jai Ho Jai Ho Teri Maa Yashoda Ke Lal)

जय हो जय हो तेरी माँ यशोदा के लाल,
ले के अवतार आना गज़ब हो गया,

तेरी बिगडी बना देगी, चरण रज राधा प्यारी की(Teri Bigdi Bana Degi Charan Raj Radha Pyari Ki)

तेरी बिगड़ी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की ॥

दुर्गा चालीसा पाठ

धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने