राजा राम आइये, प्रभु राम आइये, मेरे भोजन का, भोग लगाइये( Raja Ram Aaiye Mere Bhojan Ka Bhog Lagaiye)

राजा राम आइये,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥


आचमनी अर्घा आरती,

यही यहाँ मेहमानी,

रुखी रोटी पाओ प्रेम से,

पियो नदी का पानी,

राजा राम आइयें,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥


भूल करोगे यदि तज दोगे,

भोजन रुखे सुखे,

एकादशी आज मन्दिर में,

बैठे रहोगे भूखे,

राजा राम आइयें,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥


राजा राम आइये,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥

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चले पवन की चाल, मेरा बजरंगबली (Chale Pawan Ki Chaal Mera Bajrangbali)

लाल लंगोटा हाथ में सोटा,
चले पवन की चाल,

बरसाने की लट्ठमार होली

बरसाने में हर साल लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है। इस साल 2025 में यह त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ राधारानी से भेंट करने के लिए बरसाना गए, और वहां जाकर राधारानी और उनकी सखियों को छेड़ने लगे।

मैं दो-दो माँ का बेटा हूँ (Main Do-Do Maa Ka Beta Hun)

मैं दो-दो माँ का बेटा हूँ,
दोनों मैया बड़ी प्यारी है ।

कब है सोमवती अमावस्या

अमावस्या तिथि प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। इस तिथि का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन स्नान-दान करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।

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