राम भी मिलेंगे तुझे, श्याम भी मिलेंगे (Ram Bhi Milenge Tujhe Shyam Bhi Milenge)

राम भी मिलेंगे तुझे,

श्याम भी मिलेंगे,

जब तुझे श्री हनुमान,

जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


राम और श्याम को,

बजरंगी बड़े प्यारे,

योद्धा है कन्हैया के,

राम के दुलारे,

चाहे जो बजरंगी,

राम श्याम जी मिलेंगे,

चाहे जो बजरंगी,

राम श्याम जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


निर्बल के बल मेरे,

वीर बजरंगी,

दुःख में हमेशा बने,

दुखियों के संगी,

प्रेम से पुकारो उस,

पल ही मिलेंगे,

प्रेम से पुकारो उस,

पल ही मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


राम को पुकारो चाहे,

श्याम को निहारो,

दोनों के लिए तो,

हनुमान को पुकारो,

‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,

पल में टलेंगे,

‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,

पल में टलेंगे,

जब तुझे श्री,

हनुमान जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझें,

श्याम भी मिलेंगे ॥


राम भी मिलेंगे तुझे,

श्याम भी मिलेंगे,

जब तुझे श्री हनुमान,

जी मिलेंगे,

राम भी मिलेंगे तुझे,

श्याम भी मिलेंगे ॥


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जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया (Jail Main Prakate Krishn Kanhaiya)

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,

दशहरा पूजन विधि

हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयदशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाता है जो कि अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है।

शीतला अष्टमी पर शीतला माता की पूजा विधि

शीतला अष्टमी जिसे बसोड़ा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है।

उत्पन्ना एकादशी का चालीसा

उत्पन्ना एकादशी सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। वैसे तो हर माह में दो एकादशी आती है, लेकिन उत्पन्ना एकादशी का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन मां एकादशी का जन्म हुआ था।

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