Ram Ji Se Puche Janakpur Ke Nari Lyrics (राम जी से पूछे जनकपुर की नारी)

राम जी से पूछे जनकपुर की नारी,

बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी,

बता दा बबुआ ॥


तोहरा से पुछु मैं ओ धनुषधारी,

एक भाई गोर काहे एक काहे कारी,

बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी,

बता दा बबुआ ॥


इ बूढ़ा बाबा के पक्कल पक्कल दाढ़ी,

देखन में पातर खाये भर थारी,

बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी,

बता दा बबुआ ॥


राजा दशरथ जी कइलन होशियारी,

एकता मरद पर तीन तीन जो नारी,

बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी,

बता दा बबुआ ॥


कहथिन सनेह लता मन में बिचारिन,

हम सब लगैछी पाहून सर्वो खुशहाली,

बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी,

बता दा बबुआ ॥


राम जी से पूछे जनकपुर की नारी,

बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी,

बता दा बबुआ ॥

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ललिता माता के 108 नाम

दस महाविद्याओं की साधना करना बहुत ही कठिन है लेकिन यदि साधना सफल हो जाती है तो होता है चमत्कार। दस महाविद्याओं में से एक है माता ललिता।

राम के नाम का झंडा लेहरा है (Ram Ke Nam Ka Jhanda Lehra Hai)

राम के नाम का झंडा लहरा है ये लहरे गा
ये त्रेता में फहरा है कलयुग में भी फहरे गा ।

सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

कहन लागे मोहन मैया मैया (Kahan Lage Mohan Maiya Maiya)

कहन लागे मोहन मैया मैया,
पिता नंद महर सों बाबा बाबा,

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