राम के रंग में रंगा हुआ है, अंजनीसुत बजरंग बाला (Ram Ke Rang Mein Ranga Hua Hai Anjani Sut Bajrangbala)

राम के रंग में रंगा हुआ है,

अंजनीसुत बजरंग बाला,

ऐसा लगता छलक रहा है,

जैसे भक्ति का प्याला,

राम के रंग मे रंगा हुआ हैं ॥


राम की सेवा करने खातिर,

धरती पर अवतार लिया,

जो भी आज्ञा मिली राम से,

हनुमत ने स्वीकार किया,

राम नाम के महामंत्र की,

हर पल ये फेरे माला,

ऐसा लगता छलक रहा है,

जैसे भक्ति का प्याला,

राम के रंग मे रंगा हुआ हैं ॥


पाँव में घुंगरू बाँध के नाचे,

हाथो में करताल बजे,

प्रेम मगन हो बजरंगी का,

स्वास स्वास श्री राम भजे,

राम की धुन में मस्त होय कर,

नाच रहा है मतवाला,

ऐसा लगता छलक रहा है,

जैसे भक्ति का प्याला,

राम के रंग मे रंगा हुआ हैं ॥


तन मन इसका अर्पण सारा,

श्री राम के चरणों में,

प्रेम का सागर उमड़ रहा है,

हनुमान के नैनो में,

भक्ति की मस्ती में इसने,

सीना फाड़ दिखा डाला,

ऐसा लगता छलक रहा है,

जैसे भक्ति का प्याला,

राम के रंग मे रंगा हुआ हैं ॥


राम नाम के सिवा जगत में,

हनुमत को कुछ ना भाये,

हनुमत को प्यारा लगता है,

राम की महिमा जो गाये,

‘बिन्नू’ जो है राम का प्रेमी,

उसका है ये रखवाला,

ऐसा लगता छलक रहा है,

जैसे भक्ति का प्याला,

राम के रंग मे रंगा हुआ हैं ॥


राम के रंग में रंगा हुआ है,

अंजनीसुत बजरंग बाला,

ऐसा लगता छलक रहा है,

जैसे भक्ति का प्याला,

राम के रंग मे रंगा हुआ हैं ॥

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जिसके लिए हर मुश्किल, काम आसान है (Jiske Liye Har Mushkil Kaam Aasan Hai)

जिसके लिए हर मुश्किल,
काम आसान है,

बाँधु जिसपे राखी, वो कलाई चाहिए (Bandhu jispe Rakhi wo Kalai chahiye)

बाँधु जिसपे राखी,
वो कलाई चाहिए,

करता है तू बेड़ा पार (Karta Hai Tu Beda Paar)

कोई जब राह ना पाए,
शरण तेरी आए,

जय श्री वल्लभ, जय श्री विट्ठल, जय यमुना श्रीनाथ जी (Jai Shri Vallabh Jai Shri Vithal, Jai Yamuna Shrinathji)

जय श्री वल्लभ, जय श्री विट्ठल,
जय यमुना श्रीनाथ जी ।

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