सबसे ऊंची प्रेम सगाई (Sabse Unchi Prem Sagai)

सबसे ऊंची प्रेम सगाई,

सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।


दुर्योधन के मेवा त्याग्यो,

साग विदुर घर खाई ।

सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।


जूठे फल शबरी के खाये,

बहु विधि स्वाद बताई ।

सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।


राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा,

तामे जूठ उठाई ।

सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।


प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो,

भूल गये ठकुराई ।

सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।


ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन,

गोपियन नाच नचाई ।

सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।


प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं,

आप बने हरि नाई ।

सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।


सूर क्रूर एहि लायक नाहीं,

केहि लगो करहुं बड़ाई ।

सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

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ये तुम्हारी है कृपा माँ, तेरा दर्शन हो रहा: भजन (Ye Tumhari Hai Kripa Maa Tera Darshan Ho Raha)

ये तुम्हारी है कृपा माँ,
तेरा दर्शन हो रहा,

आषाढ़ कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी (aashaadh krishn paksh ki yogini ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा कि हे श्री मधुसूदन जी ! ज्येष्ठ शुक्ल की निर्जला एकादशी का माहात्म्य तो मैं सुन चुका अब आगे आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है और क्या माहात्म्य है कृपाकर उसको कहने की दया करिये।

मेरे साथ रहना श्याम(Mere Sath Rehna Shyam)

बाबा देखो मेरी ओर,
मैं हूँ अति कमजोर,

तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार(Tera Ramji Karenge Bera Paar)

राम नाम सोहि जानिये,
जो रमता सकल जहान

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