संसार ने जब ठुकराया तब द्वार तेरे प्रभु आया(Sansaar Ne Jab Thukraya)

संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥


मैने तुझे कभी ना ध्यया

तूने सदा सदा अपनाया

संसार ने जब ठुकराया ॥


मैं मद माया में झूला

तेरे उपकर को भूला

मैं मृग माया में झूला

तेरे उपकर को भूला


तूने कभी नही बिसराया

तूने सदा सदा अपनाया

मैं ही जाग भरमाया

तूने सदा सदा अपनाया

संसार ने जब ठुकराया ॥


संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥


था नींद में सोया

शुभ अवसर हाथ से खोया

शुभ अवसर हाथ से खोया

जब लूट रही थी माया

तूने कितनी बार जगाया

संसार ने जब ठुकराया ॥


संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥


जग में सब कुछ था तेरा

मैं कहता रहा मेरा मेरा

मैं कहता रहा मेरा मेरा

अब अंत समय जब आया

मैं मन मन ही पछताया

हरि शरण तुम्हारी आया

तब चरण मही चढ़ाया ॥


संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥


संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥

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Hamare Do Hi Rishtedar (हमारे दो ही रिश्तेदार)

हमारे दो ही रिश्तेदार,
एक हमारी राधा रानी,

माघ माह के जरूरी उपाय

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अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam Krishna Damodaram)

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
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माघ महीने में कब और क्यों मनाई जाती है कुंभ संक्रांति?

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