शिव का नाम लो (Shiv Ka Naam Lo)

शिव का नाम लो ।

हर संकट में ॐ नमो शिवाय,

बस यह नाम जपो ॥

जय शम्बू कहो ।

जब कोई मुश्किल आन पड़े तो,

भोले नाथ रटो ॥

शिव का नाम लो ।


शिव ही पालन हारा है ।

सब का वो रखवाला है ।

हर हर गंगे, बम बम भोले ॥


शिव के चरणों में है चारों धाम ।

देवों में भी शिव जी हैं प्रधान ॥

सब का बस वोही एक स्वामी ।

दान जिसका है धरम, ऐसा दानी है ।

जग का है वो पिता, इतना जान लो ॥


शिव का नाम लो ।

हर संकट में ॐ नमो शिवाय,

बस यह नाम जपो ॥

जय शम्बू कहो ।

जब कोई मुश्किल आन पड़े तो,

भोले नाथ रटो ॥

शिव का नाम लो ।


जय शिव शंकर,

भवानी शंकर,

जय नटराजन ।

जय शिव शंकर,

भवानी शंकर,

जय नटराजन ॥


शिव की महिमा सब से है महान ।

प्रेम दया का दूजा है, यह नाम ॥

विष अमृत मान कर, पी लिया जिसने ।

हर प्राणी का कल्याण, किया जिसने ।

द्वारे पे शिव खड़े, तुम पहचान लो ॥


शिव का नाम लो ।

हर संकट में ॐ नमो शिवाय,

बस यह नाम जपो ॥

जय शम्बू कहो ।

जब कोई मुश्किल आन पड़े तो,

भोले नाथ रटो ॥

शिव का नाम लो ।

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गणपति पधारो ताता थैया करते (Ganpati Padharo Ta Ta Thaiya Karte)

गणपति पधारो ताता थैया करते,
ताता थैया करते,

दर्शन की प्यासी नजरिया, मैया (Darshan Ki Pyasi Najariya Maiya)

दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥

पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम

पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी क्यों बनती है

मकर संक्रांति का त्योहार आगामी 14 जनवरी को है। देश के कई हिस्सों में इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। खिचड़ी के चावल से चंद्रमा और शुक्र की शांति संबंधित है।

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