तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


गाड़ी दिलवाई तूने घर बनवाया,

मैंने उस घर में तेरा मंदिर बनाया,

मन के मंदिर में मैंने तुमको बिठाया,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तेरे ही नाम का तिलक लगाऊं,

तिलक लगाऊं तेरी भक्ति बढ़ाऊं,

शिव शिव रट तेरी अलख जगाऊँ,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


यहाँ हर गली में बसता शिवा है,

बच्चा हो बूढ़ा हो सब भजता शिवा है,

डम डम डमरू बजायो रे भोलेबाबा,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥

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श्री प्रेतराज चालीसा (Shree Pretraj Chalisa)

गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाये।
प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय।

अयोध्यावासी राम (Ayodhya Wasi Ram)

अयोध्यावासी राम
दशरथ नंदन राम

अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़,
साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

वृश्चिक संक्रांति पर विशेष योग

हर संक्रांति में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे संक्रांति कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है

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