तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


गाड़ी दिलवाई तूने घर बनवाया,

मैंने उस घर में तेरा मंदिर बनाया,

मन के मंदिर में मैंने तुमको बिठाया,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तेरे ही नाम का तिलक लगाऊं,

तिलक लगाऊं तेरी भक्ति बढ़ाऊं,

शिव शिव रट तेरी अलख जगाऊँ,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


यहाँ हर गली में बसता शिवा है,

बच्चा हो बूढ़ा हो सब भजता शिवा है,

डम डम डमरू बजायो रे भोलेबाबा,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥

........................................................................................................
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोबिंद, गुरु मेरा पारब्रह्म (Guru Meri Puja Guru Mera Parbrahma)

गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत

फुलेरा दूज पूजा विधि

फुलेरा दूज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाले त्योहार है। यह त्योहार वसंत पंचमी के आने का संकेत देता है। इस दिन देश भर में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को सजाया जाता है।

मासिक जन्म अष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा विधि

हिंदू धर्म में प्रत्येक माह की अष्टमी को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे विश्व में कृष्ण भक्तों के द्वारा खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है।

सफला एकादशी की व्रत कथा

पौष माह के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफ़ी महत्व होता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने