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राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा(Radhe Jhulan Padharo Jhuk Aaye Badra)

राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

साजो सकल श्रृंगार नैना सारो कजरा ॥


ऐसो मान ना कीजे हठ तजिए अली,

ऐसो मान ना कीजे हठ तजिए अली,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


तू तो परम सयानी हो वृषभान की लली,

तू तो परम सयानी हो वृषभान की लली,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


तेरो रसिक प्रीतम मग जोवत खड़ो,

तेरो रसिक प्रीतम मग जोवत खड़ो,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


राधे दोऊ कर जोड़े तेरे चरण पड्यो,

राधे दोऊ कर जोड़े तेरे चरण पड्यो,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

प्यारी झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

साजो सकल श्रृंगार नैना सारो कजरा ॥


सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ (Sacche Man Se Maa Ki Jyot Tum Jagao)

सच्चे मन से माँ की,
ज्योत तुम जगाओ,

माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

फाल्गुन अमावस्या पर शिववास में करें पूजा

हिंदू धर्म में अपना एक कैलेंडर है, जिसके मुताबिक हर 15 दिन में अमावस्या और 15 दिन बाद पूर्णिमा आती है। कुछ ही दिनों बाद 27 फरवरी को फाल्गुन महीने की अमावस्या आने वाली है।

केलवा के पात पर(Kelwa Ke Paat Par)

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके

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