आए मैया के नवराते (Aaye Maiya Ke Navrate)

आए मैया के नवराते,

हो रहे घर घर में,

हो रहे घर घर में जगराते,

रिझाते मैया को,

रिझाए मैया को झूमते गाते,

गूंज रही भक्तो की,

गूंज रही भक्तो की जय जयकार,

सजा है माता का,

सजा है माता का दरबार ॥


बुलावा जब जब भवन से आए,

भेज के चिठियाँ ओए,

भेज के चिठियाँ मात बुलाए,

नंगे पाओं ओए,

नंगे पाओं चलके जाएँ,

भेंटे लेके ओए,

भेंटे लेके खड़े है द्वार,

मैया दर्शन दो,

मैया दर्शन दो सिंह सवार ॥


माँ का कोई है पार ना पाया,

रूप धर कन्या का,

रूप धर कन्या का महामाया,

दुखड़ा भक्तो का,

दुखड़ा भक्तो का मात मिटाया,

करे कन्याओ का,

करे कन्याओ का जो सत्कार,

भवानी करती बेडा पार ॥


वैष्णो माँ की महिमा भारी,

हरेगी ‘लख्खा’ चिंताए सारी,

शेरोवाली की,

जोतावाली की,

मेहरावाली की,

अम्बे रानी की,

तारनहारी हारी माँ,

‘सरल’ चल चलिए ओय,

‘सरल’ चल चलिए ओय एक बार,

खुलेंगे खुशियों के,

खुलेंगे खुशियों के फिर द्वार ॥


आए मैया के नवराते,

हो रहे घर घर में,

हो रहे घर घर में जगराते,

रिझाते मैया को,

रिझाए मैया को झूमते गाते,

गूंज रही भक्तो की,

गूंज रही भक्तो की जय जयकार,

सजा है माता का,

सजा है माता का दरबार ॥

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ब्रह्मन्! स्वराष्ट्र में हों, द्विज ब्रह्म तेजधारी (Brahman Swarastra Mein Hon)

वैदिक काल से राष्ट्र या देश के लिए गाई जाने वाली राष्ट्रोत्थान प्रार्थना है। इस काव्य को वैदिक राष्ट्रगान भी कहा जा सकता है। आज भी यह प्रार्थना भारत के विभिन्न गुरुकुलों व स्कूल मे गाई जाती है।

राम के रंग में रंगा हुआ है, अंजनीसुत बजरंग बाला (Ram Ke Rang Mein Ranga Hua Hai Anjani Sut Bajrangbala)

राम के रंग में रंगा हुआ है,
अंजनीसुत बजरंग बाला,

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां (Charan Kamal Tere Dhoye Dhoye Peevan)

सिमर सिमर नाम जीवा
तन मन होए निहाला,

कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa)

जय जय कैला मात हे, तुम्हे नमाउ माथ ॥
शरण पडूं में चरण में, जोडूं दोनों हाथ ॥

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