ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन (Aisi Lagi Lagan, Meera Ho Gai Magan)

ऐसी लागी लगन,

मीरा हो गयी मगन,

वो तो गली गली,

हरी गुण गाने लगी ॥


है आँख वो जो,

श्याम का दर्शन किया करे,

है शीश जो प्रभु चरण में,

वंदन किया करे,

बेकार वो मुख है,

जो रहे व्यर्थ बातों में,

मुख है वो जो हरी नाम का,

सुमिरन किया करे ॥


हीरे मोती से नहीं,

शोभा है हाथ की,

है हाथ जो भगवान का,

पुजन किया करे,

मर कर भी अमर नाम है,

उस जीव का जग में,

प्रभु प्रेम में बलिदान जो,

जीवन किया करे ॥


ऐसी लागी लगन,

मीरा हो गयी मगन,

वो तो गली गली,

हरी गुण गाने लगी,

महलों में पली,

बन के जोगन चली,

मीरा रानी दीवानी कहाने लगी,

ऐंसी लागी लगन,

मीरा हो गयी मगन। ॥


कोई रोके नहीं, कोई टोके नहीं,

मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी,

बैठ संतो के संग,

रंगी मोहन के रंग,

मीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगी,

वो तो गली गली,

हरी गुण गाने लगी,

ऐंसी लागी लगन,

मीरा हो गयी मगन ॥


राणा ने विष दिया, मानो अमृत पिया,

मीरा सागर में सरिता समाने लगी,

दुःख लाखों सहे, मुख से गोविन्द कहे,

मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी,

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥


ऐसी लागी लगन,

मीरा हो गयी मगन,

वो तो गली गली,

हरी गुण गाने लगी ॥

........................................................................................................
यशोदा जयंती व्रत विधि और लाभ

हिंदू धर्म में यशोदा जयंती बहुत ही पावन मानी गई है। इस दिन को भगवान श्री कृष्ण की मां यशोदा के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था।

पौष पूर्णिमा 2025

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।

चंपा षष्ठी मानने के पीछे की वजह

भारत में त्योहारों का विशेष महत्व है। यहां हर दिन किसी न किसी क्षेत्र में कोई पर्व या त्योहार मनाया जाता है। इनमें से कुछ त्योहार न केवल देश में बल्कि विदेशों तक भी प्रचलित होते हैं।

मकर संक्रांति पुण्य काल

2025 में, मकर संक्रांति विशिष्ट योग में 14 जनवरी को मनाई जाएगी। 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। ऐसे में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक स्नान-ध्यान और दान का शुभ मुहूर्त रहेगा।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने