बड़े तुम्हारे है उपकार मैया(Bade Tumhare Hai Upkar Maiya)

बड़े तुम्हारे है उपकार मैया,

तुमने जो होके दयाल,

हमारे दुःख दूर किए है ॥


बड़े तुम्हारे है उपकार मैया,

करके हमारा भी खयाल,

हमारे दुःख दूर किए है ॥


तू है मंगल करनी माँ,

तू ही चिंता हरनी माँ,

सारे जग में धूम तेरी,

तू है जग की जननी माँ,

गंगा जल सी पावन हो,

भक्तो की मन भावन हो,

सूखे नीरस जीवन में,

तुम ही दया का सावन हो,

ऋणी तुम्हारा है संसार मैया,

तुमने जो होके दयाल,

हमारे दुःख दूर किए है ॥


चरण तुम्हारे पड़े जहाँ,

खुशियां बरसे सदा वहां,

नजर दया की पड़ते ही,

हर मुश्किल हो जाए आसां,

जादू नाम तुम्हारा माँ,

तुम हो अमृत धारा माँ,

कंकड़ को जब छूती हो,

बने गगन का तारा माँ,

तुमको नमस्कार सौ बार मैया,

तुमने जो होके दयाल,

हमारे दुःख दूर किए है ॥


बड़े तुम्हारे है उपकार मईया,

तुमने जो होके दयाल,

हमारे दुःख दूर किए है ॥


बड़े तुम्हारे है उपकार मईया,

करके हमारा भी खयाल,

हमारे दुःख दूर किए है ॥

........................................................................................................
शम्भु स्तुति - नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणं (Shambhu Stuti - Namami Shambhu Purusham Puranam)

नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणं
नमामि सर्वज्ञमपारभावम् ।

ब्रज होली की पौराणिक कथा

होली का नाम सुनते ही हमारे मन में रंगों की खुशबू, उत्साह और व्यंजनों की खुशबू बस जाती है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, लेकिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। हालांकि, होली से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं।

छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल (Choti Choti Gaiyan Chote Chote Gwal)

छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।
छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥

ललिता जयंती 2025 कब है

माता ललिता को समर्पित यह ललिता जयंती हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। बता दें कि ललिता व्रत, शरद नवरात्रि के पाँचवें दिन किया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।