एक नज़र बस एक नज़र, हम पे मोहन वार दे(Ek Nazar Bas Ek Nazar Hum Pe Bhi Mohan Vaar De)

एक नज़र बस एक नज़र,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


स्वांस की हर तार पर,

कृष्ण तेरा नाम है,

मैं जिधर देखु तुझे,

तू ही तू घनश्याम है,

इस जगत के तू बंधनो से,

तू हमे उद्धार दे,

एक नजर बस एक नजर,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


हर समय चिंतन तुम्हारा,

हर समय तेरा भजन,

खोजते रहते है तुमको,

हर पहर मेरे नयन,

और ना प्रभु देर कर तू,

हमको तू दीदार दे,

एक नजर बस एक नजर,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


मै पुजारी हूँ तुम्हारा,

जन्मो जन्मो तक रहूं,

इस जगत के बंधनों में,

ना कभी फस कर गिरू,

मै रहू बन कर तुम्हारा,

ऐसा वर सरकार दे,

एक नजर बस एक नजर,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


तू दिखादे सांवरी

सूरत हमे ओ सांवरे,

खोजते रहते है तूझको,

मेरे नैना बाबरे,

कब तलक तरसेगा ‘राजेन्द्र’

तू हमे दिदार दे,

एक नजर बस एक नजर,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


एक नज़र बस एक नज़र,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥

........................................................................................................
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ - शब्द कीर्तन (Mehra Waliya Rakhi Charna De Kol)

मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ,
रखी चरना दे कोल रखी चरना दे कोल,

माखन खा गयो माखनचोर(Makhan Kha Gayo Makhan Chor)

नटखट नटखट नंदकिशोर,
माखन खा गयो माखनचोर,

भोला नही माने रे नहीं माने (Bhola Nai Mane Re Nahi Mane)

भोला नही माने रे नहीं माने,
मचल गए नचबे को,

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे संकटों को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 विशेष रूप से चैत्र मास में मनाई जाती है और इस दिन गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने