बधाई भजन: बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे (Badhai Bhajan Baje Kundalpur Me Badayi Nagri Me Veer Janme)

बजे कुण्डलपर में बधाई,

के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी

जागे भाग हैं त्रिशला माँ के,

के त्रिभवन के नाथ जन्मे, महावीर जी


शुभ घडी जनम की आई,

सवरग से देव आये, महावीर जी

तेरा नवन करें मेरु पर

के इंद्र जल भर लाए, महावीर जी


तुझे देवीआं झुलाये पलना,

मन में मगन हो के, महावीर जी

तेरे पलने में हीरे मोती,

के गोरिओं में लाल लटके, महावीर जी


अब ज्योति तेरी जागी

के सूर्य चाँद छिप जाए, महावीर जी

तेरे पिता लुटावें मोहरें

खजाने सारे खुल जाएंगे, महावीर जी


हम दरश को तेरे आए

के पाप सब काट जाएंगे, महावीर जी

बजे कुण्डलपर में बधाई,

के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी


........................................................................................................
मार्गशीर्ष के देवता

श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है मासानां मार्गशीर्षोऽहम् यानी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस माह को धार्मिक ग्रंथों में पवित्र और फलदायी बताया गया है।

ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ (Aisa Darbar Kahan Aisa Datar Kaha)

ऐसा दरबार कहाँ,
ऐसा दातार कहाँ,

मेरे नैनों की प्यास बुझा दे

मेरे नैनों की प्यास बुझा दे
माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)

हाय नजर ना लग जाये(Najar Naa Lag Jaye)

ओ मोटे मोटे नैनन के तू ,
ओ मीठे मीठे बैनन के तू

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने