बूटी ले आओ हनुमान प्यारे (Buti Le Aao Hanuman Pyare)

बूटी ले आओ हनुमान प्यारे,

मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना,

डूबती तेरे राम की नैया,

बाला तू आके पार लगाना,

बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,

मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥


था जो भैया भैया मुझको कहता,

आज भूमि पे मूर्छित पड़ा है,

आँखे खोले ना कुछ बात बोले,

जाने कैसी ये जिद पे अड़ा है,

तूने भगवान मुझको है माना,

भक्ति का फर्ज बाला निभाना,

बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,

मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥


माँ सुमित्रा ने मुझसे कहा था,

तुम तीनो ही साथ में आना,

राम सेवा में तेरी लाल मेरा,

सकुशल ही मुझे तू लौटना,

मैया को मुंह मैं कैसे दिखाऊं,

मेरे हनुमत तू मुझको बताना,

बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,

मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥


देर अब और लाओ ना हनुमत,

लेकर संजीवन अब तो आ जाओ,

होने वाली है भोर ओ प्यारे,

प्राणो का संकट आके मिटाओ,

तुम हो भक्ति के चन्दन ओ बाला,

वादा अपना नहीं भूल जाना,

बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,

मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥


बूटी ले आओ हनुमान प्यारे,

मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना,

डूबती तेरे राम की नैया,

बाला तू आके पार लगाना,

बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,

मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥

........................................................................................................
अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं: भजन (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)

अजब हैरान हूं भगवन!
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।

मां अन्नपूर्णा को खुश करने के उपाय

धार्मिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मां पार्वती माता अन्नपूर्णा के रूप पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं। इसलिए हर साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है।

भाद्रपद शुक्ल की वामन एकादशी (Bhadrapad Shukal Ke Vaman Ekadashi )

इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन ने कहा- भगवन्! अब आप कृपा कर मुझे भाद्र शुक्ल एकादशी के माहात्म्य की कथा सुनाइये और यह भी बतलाइये कि इस एकादशी का देवता कौन है और इसकी पूजा की क्या विधि है?

भद्रा में रावण की वजह से नहीं बांधी जाती राखी

भद्रा में रावण की वजह से नहीं बांधी जाती राखी, जानिए कौन है भद्रा और क्या है पूरी कहानी

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने