चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी (Chandraghanta Maa Se Arji Meri)

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


दस हाथ सुशोभित है,

दस भुजा सुशोभित है,

सोने सा रूप तेरा,

जिस पर जग मोहित है,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


तू अति बलशाली है,

माँ अति बलशाली है,

दुष्टों का दमन करती,

तेरी शान निराली है,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


जादू या अजूबा है,

चंद्रघंटा सवारे दुनिया,

जिसने माँ को पूजा है,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


तलवार कमंडल माँ,

घंटे की प्रबल ध्वनि से,

गूंजे भूमंडल माँ,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


भोग दूध शहद भाता,

बस पूजन अर्चन से,

दुःख निकट नहीं आता,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


तेरी पूजा खुशहाली है,

हे मात चंद्रघंटा,

तेरी शान निराली है,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


दुःख ‘अनुज’ का भी हरती,

शरणागत की रक्षा,

‘देवेन्द्र’ सदा करती,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी,

मैं दास बनूँ तेरा,

अब जैसे मर्जी तेरी ॥


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श्री चित्रगुप्त चालीसा (Shri Chitragupta Chalisa)

कुल गुरू को नमन कर, स्मरण करूँ गणेश ।
फिर चरण रज सिर धरहँ, बह्मा, विष्णु, महेश ।।

बसंत पंचमी पूजा विधि

बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

ऐसे मेरे मन में विराजिये - भजन (Aaise Mere Maan Main Virajiye)

ऐसे मेरे मन में विराजिये
ऐसे मेरे मन में विराजिये

महाशिवरात्रि 2025 कब है

सनातन हिंदू धर्म में, महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह फरवरी या मार्च महीने में आती है।

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