होली रे होली बरसाने की होली (Holi Re Holi Barsane Ki Holi)

राधा कृष्ण ने मिल कर खेली बरसाने की होली,

संग किशन के ग्वाल सखा है सखियाँ राधा टोली,

होली रे होली बरसाने की होली ॥


हाथो में लेके रंगो गुलाल मोहन ने रंग डाले राधा के गाल,

राधा की होली थी सच मुच् कमाल श्याम रंग वाले को कर डाले लाल,

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली ॥


लाली मेरे लाल की मैं चित देखु तित लाल,

लाली देखन मैं चली मैं भी हो गई लाल ॥


नैनो से बाते करे नंग लाल मुश्का के राधा रानी करती कमल,

आज नहीं मन में है कोई मिलाल वैसा बरसाने में जैसे हो लाल,

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली ॥


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जानकी जयंती पर मां सीता की विशेष पूजा

हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जानकी जयंती मनाई जाती है। यह दिन भगवान राम की पत्नी मां सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

भगवान कार्तिकेय के प्रमुख मंदिर

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक चंद्र मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। इसलिए भक्त हर महीने इस तिथि को उनका जन्मोत्सव मनाते हैं।

लेके गौरा जी को साथ भोले-भाले भोले नाथ(Leke Gaura Ji Ko Sath Bhole Bhale Bhole Nath)

लेके गौरा जी को साथ,
भोले-भाले भोले नाथ,

शिव ताण्डव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram)

जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।

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