खाटू वाले श्याम हमारे(Khatu Wale Shyam Hamare)

खाटू वाले श्याम हमारे,

भक्तों के तू काज संवारे,

गिरते हुए को,

पल में संभाले तू,

सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥


जिसने भी चौखट पे अर्जी लगाई,

पल भर में बाबा ने कर ली सुनाई,

तेरी महिमा तू ही जाने,

हम तो हो गए तेरे दीवाने,

रखना तू हम पर दया,

खाटू वालें श्याम हमारे,

भक्तों के तू काज संवारे,

गिरते हुए को,

पल में संभाले तू,

सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥


श्याम तेरे भक्तों को तेरा सहारा,

तेरे भरोसे ही चलता गुजारा,

सबकी नैया तेरे हवाले,

गहरे भंवर से तू ही निकाले,

खाते है तेरा दिया,

खाटू वालें श्याम हमारे,

भक्तों के तू काज संवारे,

गिरते हुए को,

पल में संभाले तू,

सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥


सांवरे की घर घर में ज्योत जले है,

लाखों दिलों में तेरी भक्ति पले है,

सांचा जग में नाम तिहारा,

हर्ष हमेशा देना सहारा,

हमको ना देना भुला,

खाटू वालें श्याम हमारे,

भक्तों के तू काज संवारे,

गिरते हुए को,

पल में संभाले तू,

सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥


खाटू वाले श्याम हमारे,

भक्तों के तू काज संवारे,

गिरते हुए को,

पल में संभाले तू,

सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥

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एक नज़र बस एक नज़र, हम पे मोहन वार दे(Ek Nazar Bas Ek Nazar Hum Pe Bhi Mohan Vaar De)

एक नज़र बस एक नज़र,
हम पे मोहन वार दे,

दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ (Bhole Baba Ne Pakda Hath)

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ,
की रहता हर पल मेरे साथ,

शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का महत्व

शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहा जाता है, होली के सात दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग अर्पित किया जाता है।

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