कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा, हरी शरण आने के बाद (Kuch Nahi Bigadega Tera Hari Sharan Aane Ke Baad)

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

हर ख़ुशी मिल जायेगी तुझे,

चरणों में झुक जाने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


प्रेम के मंजिल के राही,

कष्ट पाते हैं मगर,

बीज़ फलता है सदा,

मिट्टी में मिल जानें के बाद,


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


देख़कर काली घटा को,

ए भ्रमर मत हो निराश,

बंद कलियाँ भी खिलेंगी,

रात ढल जानें के बाद,


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


पूछों इन फूलों से जाकर,

छाई है कैसे बहार,

कब तलाक काँटों पे सोया,

डाल पर आने के बाद,


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


जब तलक है भेद मन में,

कुछ नहीं कर पायेगा,

रंग लाएगा ये साधन,

भेद मिट जाने के बाद,


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

हर ख़ुशी मिल जायेगी तुझे,

चरणों में झुक जाने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


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कब है जया एकादशी?

सनातन धर्म में एक साल में कुल 24 एकादशी आती है। इनमें से माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी मनाई जाती है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

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संगीत प्रारंभ पूजा विधि

भारतीय परंपरा में संगीत को आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति का साधन माना जाता है। इसलिए जब कोई व्यक्ति संगीत सीखने की शुरुआत करता है, तब वो एक संगीत प्रारंभ पूजा करता है।

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