मां खजाने बैठी खोल के(Maa Khajane Baithi Khol Ke)

शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

दुख सबके हरती जय हो,

भंडार है भरती जय हो,

तकदीर बदलती जरा देर ना लगती,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


यहां हरपल दाती बांटती,

खुशियों के मोती,

यहां सुख के सारे,

रत्नों की है बारिश होती,

जो चाहिए ले लो जय हो,

आवाजे दे लो जय हो,

ये माँ का दर है,

तुम्हें किसका डर है,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


माँ रोज यहां कंगालो को,

धनवान बनाती,

वो झोपड़ी को बंगला,

आलिशान बनाती,

हर आशा तेरी जय हो,

कर देगी पूरी जय हो,

विश्वास रखो,

फिर जादू देखो,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


वो मिट्टी को भी छु ले तो,

सोना बन जाता,

अरे उसी से भिक्षा लेता,

जग का भाग्य विधाता,

जो जग की दाती जय हो,

जो सबको देती जय हो,

तुमको भी देगी,

हमको भी देगी,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

दुख सबके हरती जय हो,

भंडार है भरती जय हो,

तकदीर बदलती जरा देर ना लगती,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥

........................................................................................................
Aaj Mere Shyam Ki Shadi Hai (आज मेरे श्याम की शादी है)

आज मेरे श्याम की शादी है,
श्याम की शादी है,

मैया के पावन चरणों में (Maiya Ke Pawan Charno Mein)

मैया के पावन चरणों में,
तू सर झुका के देख ले,

हे बांके बिहारी गिरधारी हो प्यार तुम्हारे चरणों में (Hey Banke Bihari Girdhari Ho Pyar Tumhare Charno Mein)

हे बांके बिहारी गिरधारी,
हो प्यार तुम्हारे चरणों में,

क्यों खास है डोल पूर्णिमा

डोल पूर्णिमा का त्यौहार मुख्य रूप से बंगाल, असम, त्रिपुरा, गुजरात, बिहार, राजस्थान और ओडिशा में मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण की मूर्ति को पालकी पर बिठाया जाता है और भजन गाते हुए जुलूस निकाला जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने