मां खजाने बैठी खोल के(Maa Khajane Baithi Khol Ke)

शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

दुख सबके हरती जय हो,

भंडार है भरती जय हो,

तकदीर बदलती जरा देर ना लगती,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


यहां हरपल दाती बांटती,

खुशियों के मोती,

यहां सुख के सारे,

रत्नों की है बारिश होती,

जो चाहिए ले लो जय हो,

आवाजे दे लो जय हो,

ये माँ का दर है,

तुम्हें किसका डर है,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


माँ रोज यहां कंगालो को,

धनवान बनाती,

वो झोपड़ी को बंगला,

आलिशान बनाती,

हर आशा तेरी जय हो,

कर देगी पूरी जय हो,

विश्वास रखो,

फिर जादू देखो,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


वो मिट्टी को भी छु ले तो,

सोना बन जाता,

अरे उसी से भिक्षा लेता,

जग का भाग्य विधाता,

जो जग की दाती जय हो,

जो सबको देती जय हो,

तुमको भी देगी,

हमको भी देगी,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

दुख सबके हरती जय हो,

भंडार है भरती जय हो,

तकदीर बदलती जरा देर ना लगती,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥

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तेरे दर पे मॉ, जिंदगी मिल गई है(Tere Dar Pe Maa Zindagi Mil Gayi Hai)

तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है,

ओ मईया तैने का ठानी मन में (O Maiya Tene Ka Thani Man Me)

ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में,

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो (Are Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do)

देखो देखो यह गरीबी, यह गरीबी का हाल,
कृष्ण के दर पे यह विशवास ले के आया हूँ।

कब है सकट चौथ

हिन्दू धर्म में सकट चौथ का एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना गया है। यह मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए करती हैं। इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा की होती है।

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