बता मेरे यार सुदामा रै (Bata Mere Yaar Sudama Re)

बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।

बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


बालक थारे जब आया करता,

रोज खेलके जाया करता ।

हुई कै तकरार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


मन्ने सुना दे कुटुंब कहानी,

क्यों कर पड़ गयी ठोकर खानी ।

रे मन्ने सुना दे कुटुंब कहानी,

क्यों कर पड़ गयी ठोकर खानी ।

टोटे की मार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


सब बच्चों का हाल सुना दे,

मिश्रानी की बात बता दे ।

रे सब बच्चो का हाल सुना दे,

मिश्रानी की बात बता दे ।

रे क्यों गया हार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


चाहिए था रे तन्ने पहल में आना,

इतना दुःख नहीं पड़ता ठाणा ।

रे चाहिए था रे तन्ने पहल में आना,

इतना दुःख नहीं पड़ता ठाणा ।

क्यों भुल्ला प्यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


इब भी आगया ठीक वक़्त पे,

आज बैठ जा मेरे तखत पै ।

रे इब भी आगया ठीक वक़्त पे,

आज बैठ जा मेरे तखत पै ।

जिगरी यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


आजा भगत छाती पे लाल्यूँ,

इब बता तन्ने कन्ने बिठा लूँ ।

रे आजा भगत छाती पे लाल्यूँ,

इब बता तन्ने कन्ने बिठा लूँ ।

करूँ साहूकार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।

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सबके दिल में, श्याम की तस्वीर है (Sabke Dil Mein, Shyam Ki Tasveer Hai)

सबके दिल में,
श्याम की तस्वीर है,

तेरे बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे(Tere Bina Shyam Hamara Nahi Koi Re)

तेरे बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे,

श्रावण शुक्ल की पुत्रदा एकादशी (Shraavan Shukl Kee Putrada Ekaadashee)

युधिष्ठिर ने कहा-हे केशव ! श्रावण मास के शुक्लपक्ष की एकादशी का क्या नाम और क्या माहात्म्य है कृपया आर कहिये श्री कृष्णचन्द्र जी ने कहा-हे राजन् ! ध्यान पूर्वक इसकी भी कथा सुनो।

प्रदोष व्रत चालीसा

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो भगवान शिव की पूजा को समर्पित होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत कन्याओं के लिए बेहद खास होता है, इस दिन भोलेनाथ की उपासना करने और व्रत रखने से मनचाहा वर पाने की कामना पूरी होती हैं।

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