मैं तो संग जाऊं बनवास, स्वामी (Main Too Sang Jaun Banwas)

मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास

स्वामी ना करना निराश

पग पग संग जाऊं जाऊं बनवास

हे मैं तो संग जाऊं बनवास


उपर है अग्नि की छतरी नीचे तपती बाली

उपर है अग्नि की छतरी नीचे तपती बाली

पाँव में पड़ेंगें छाले ना जाओ बनवास

हे मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास


तुम हो सूर्यवंशी स्वामी रखो अपनी छाया

तुम हो सूर्यवंशी स्वामी रखो अपनी छाया

छाव में चलूँ तुम्हारी तुम ही मेरी माया

मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास


जंगल बन मे घूमे हाथी भालू शेर और हिरना

जंगल बन मे घूमे हाथी भालू शेर और हिरना

नारी हो तुम डर जाओगी

ना जाओ बनवास

हे मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास


तुम तो योद्धावीर हो स्वामी तुम ही रक्षा करना

तुम तो योद्धावीर हो स्वामी तुम ही रक्षा करना

बाण तुम्हारे काँधे सोहे संग हो तो क्या डरना

मैं तो संग जाऊं बनवास

स्वामी ना करना निराश

पग पग संग जाऊं जाऊं बनवास

हे मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास

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शिव शंकर का गुणगान करो (Shiv Shankar Ka Gungaan Karo)

ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

श्री सत्यनारायण जी की आरती (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti )

जय लक्ष्मीरमणा, श्री जय लक्ष्मीरमणा।
सत्यनारायण स्वामी, जनपातक हरणा॥

ब्रह्मा जी की पूजा विधि

ब्रह्मा जी, जिन्हें सृष्टि के रचयिता के रूप में जाना जाता है, के कई मंदिर होने के बावजूद उनका सबसे प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है।

कान छेदने के मुहूर्त

हिंदू धर्म में मानव जीवन में कुल 16 संस्कारों का बहुत अधिक महत्व है इन संस्कारों में नौवां संस्कार कर्णवेध या कान छेदने का संस्कार।

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