मैया ना भुलाना, हमको (Maiya Na Bhulana Humko )

मैया ना भुलाना,

हमको ना भुलाना,

मेरे घर में तुम सदा आती रहना,

तेरा है परिवार तू संग में रहना,

मईया ना भुलाना,

हमको ना भुलाना ॥


छोटा सा परिवार है मेरा,

छोटा सा संसार है,

मेरे सिर पे हाथ हो तेरा,

बस इतनी दरकार है,

इससे ज्यादा मैया,

तुमसे क्या कहना,

तेरा है परिवार,

तू संग में रहना,

मईया ना भुलाना,

हमको ना भुलाना ॥


किसको क्या बतलाऊ मैं,

किसके द्वारे जाऊ,

तुझको अपने दिल की सुना के,

चैन बड़ा मैं पाऊ,

जो कहना बस,

तेरे आगे ही कहना,

तेरा है परिवार,

तू संग में रहना,

मईया ना भुलाना,

हमको ना भुलाना ॥


कुछ भी अगर देना मुझको तो,

मैया इतना देना,

मेरे इस परिवार के सिर पे,

अपना हाथ रख देना,

कहे ‘पवन’ के बार बार,

ये ही कहना,

तेरा है परिवार,

तू संग में रहना,

मईया ना भुलाना,

हमको ना भुलाना ॥


मैया ना भुलाना,

हमको ना भुलाना,

मेरे घर में तुम सदा आती रहना,

तेरा है परिवार तू संग में रहना,

मईया ना भुलाना,

हमको ना भुलाना ॥

........................................................................................................
सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से, गंगा की धारा बहती है (Shiv Shankar Tumhari Jatao Se Ganga Ki Dhara Behti Hai)

शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है,

कार्तिक पूर्णिमा पर धन लाभ

कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।

श्री लक्ष्मी चालीसा

मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास ।
मनोकामना सिद्ध करि, परुवहु मेरी आस ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।