मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन(Manmohan Kanha Vinti Karu Din Rain)

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,

राह तके मेरे नैन, राह तके मेरे नैन,

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,

राह तके मेरे नैन, राह तके मेरे नैन,

अब तो दर्श बिना कुञ्ज बिहारी,

मन है बेचैन,

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन

नेह की डोरी तुम संग जोड़ी,

हम से तो नाही जाये ये तोड़ी,

हे मुरलीधर कृष्ण मुरारी,

हे मुरलीधर कृष्ण मुरारी,

तनिक न आवे चैन,

राह तके मेरे नैन, राह तके मेरे नैन,

अब तो दर्श बिना कुञ्ज बिहारी, मन है बेचैन,

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन


जन्म-जन्म से पंथ निहारु,

बोलो किस विध तुमको पुकारू,

जन्म-जन्म से पंथ निहारु,

बोलो किस विध तुमको पुकारू,

हे नटनागर हे, गिरधारी,

हे नटनागर हे, गिरधारी,

काह न पावे वैर,

राह तके मेरे नैन, राह तके मेरे नैन,

अब तो दर्श बिना कुञ्ज बिहारी, मन है बेचैन,

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन

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सभकेर सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे (Sabker Sudhi Aahan Lai Chhi He Ambe)

सभकेर सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे
हमरा किए बिसरै छी हे

आई बागों में बहार, झूला झूले राधा प्यारी (Aai Bhagon Me Bahar Jhula Jhule Radha Rani)

आई बागों में बहार,
झूला झूले राधा प्यारी ।

गणेश जी की आरती व मंत्र

प्रत्येक महीने दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। मार्गशीर्ष महीने में मनाई जाने वाली विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की कृपा पाने का उत्तम समय है।

बजरंगी सरकार, द्वार तेरे आए (Bajrangi Sarkar, Dwar Tere Aaye)

बजरंगी सरकार,
द्वार तेरे आए,

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