मुझे अपनी शरण में ले लो राम(Mujhe Apni Sharan Me Lelo Ram)

मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!

लोचन मन में जगह न हो तो

जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!


जीवन देके जाल बिछाया

रच के माया नाच नचया

चिन्ता मेरी तभी मिटेगी

जब चिन्तन में ले लो राम, ले लो राम!

मुझे अपनी शरण में ले लो राम!


तू ने लाखोँ पापी तारे

मेरी बारी बाजी हारे, बाजी हारे

मेरे पास न पुण्य की पूँजी

पद पूजन में ले लो राम, ले लो राम!

मुझे अपनी शरण में ले लो राम!


राम हे राम, राम हे राम

दर दर भटकूँ घर घर अटकूँ

कहाँ कहाँ अपना सर पटकूँ

इस जीवन में मिलो न तुम तो राम, हे राम!

इस जीवन में मिलो न तुम तो,

मुझे मरण में ले लो राम, ले लो राम!


मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!

लोचन मन में जगह न हो तो

जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!

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यशोदा जयंती क्यों मनाते हैं?

यशोदा जयंती भगवान कृष्ण के मंदिरों के साथ ही दुनियाभर में फैले इस्कॉन में भी काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को गोकुल में भी धूमधाम से मनाया जाता है।

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भोले शिव मंगलकारी,
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कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ,
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आज होगा हरि-हर मिलन (Aaj Hoga Hari-Har Milan)

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