मन की तरंग मार लो(Man Ki Tarang Mar Lo Bas Ho Gaya Bhajan)

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।

आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥


आये हो तुम कहाँ से, जाओगे तुम कहाँ।

इतना ही विचार लो, बस हो गया भजन॥


कोई तुम्हे बुरा कहे, तुम सुन कर क्षमा करो।

वाणी का स्वर संभाल लो, बस हो गया भजन॥


नेकी सभी के साथ में बन जाए तो करो।

मत सर बंदी का हर लो, बस हो गया भजन॥


नजरो में तेरी दोष है, दुनिया निहारते।

समता का अंजन ढाल लो, बस हो गया भजन॥


यह महल माडिया ना तेरे साथ जायेगी।

सतगुरु की महिमा जान लो, बस हो गया भजन॥


अनमोल ब्रह्मानंद जो चाहिए सदा।

घट घट में राम निहार लो, बस हो गया भजन॥


मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।

आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥

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शिव पार्वती ने तुम्हे, वरदान दे दिया (Shiv Parvati Ne Tumhe Vardan De Diya)

शिव पार्वती ने तुम्हे,
वरदान दे दिया,

बालाजी की दुनिया दीवानी (Balaji Ki Duniya Diwani)

बालाजी की दुनिया दीवानी,
सब ही जाने इनकी कहानी,

क्षिप्रा के तट बैठे है, मेरे भोले भंडारी (Shipra Ke Tat Baithe Hai Mere Bhole Bhandari)

क्षिप्रा के तट बैठे है,
मेरे भोले भंडारी,

क्यों मनाते हैं गणेश जयंती

गणेश जयंती भगवान गणेश जी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है।

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