शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा (Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara)

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा,

काली घटा के अंदर,

जु दामिनी उजाला,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥


गल में मुंड माला की साजे,

शशि भाल में गंग विराजे,

डम डम डमरू बाजे,

कर में त्रिशूल धारा,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥


भृग में तीन है तेज विसारे,

कटीबंद में नाग सवारे,

कहलाते कैलाश पति ये,

करते जहाँ विसारा,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥


शिव के नाम को जो उच्चारे,

सबके पाप दोष दुःख हारे,

सारी श्रष्टि के दाता ये,

भव से पार उतारे,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥


शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा,

काली घटा के अंदर,

जु दामिनी उजाला,

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा ॥

........................................................................................................
जय राम रमा रमनं समनं (Jai Ram Rama Ramanan Samanan)

जय राम रमा रमनं समनं ।
भव ताप भयाकुल पाहि जनम ॥

हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता (Hame Gurudev Tera Sahara Na Milata)

हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता ।
ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥

रोम रोम में बस हुआ है एक उसी का नाम(Rom Rom Me Basa Hua Hai Ek Usi Ka Naam)

रोम रोम में बसा हुआ है,
एक उसी का नाम,

हम तुम्हारे तुम हमारे, बन गए हो सांवरे (Hum Tumhare Tum Hamare Ban Gaye Ho Sanware)

हम तुम्हारे तुम हमारे,
बन गए हो सांवरे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।