शंकर मेरा प्यारा.. माँ री माँ मुझे मूरत ला दे (Shankar Mera Pyara.. Maa Ri Maa Mujhe Murat La De)

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।

माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,

शिव शंकर की मूरत ला दे ।

मूरत ऐसी जिस के सर से,

निकले गंगा धरा ॥

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।


माँ री माँ वो डमरू वाला,

तन पे पहने मृग की छाला ।

रात मेरे सपनो में आया,

आ के मुझ को गले लगाया ।

गले लगा कर मुझ से बोला,

मैं हूँ तेरा रखवाला ॥


शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।

माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,

शिव शंकर की मूरत ला दे ।

मूरत ऐसी जिस के सर से,

निकले गंगा धरा ॥

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।


माँ री माँ वो मेरा स्वामी,

मैं उस के पट की अनुगामी ।

वो मेरा है तारण हारा,

उस से मेरा जग उजारा ।

है प्रभु मेरा अन्तर्यामी,

सब का है वो रखवाला ॥


शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।

माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,

शिव शंकर की मूरत ला दे ।

मूरत ऐसी जिस के सर से,

निकले गंगा धरा ॥

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।


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नारायण कवच (Narayana Kavach)

ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताङ्घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे।

राजीव लोचन राम, आज अपने घर आए (Rajiv Lochan Ram Aaj Apne Ghar Aaye)

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आज अपने घर आए,

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जिसे कोई न लूटे

रंग पंचमी पर चालीसा पाठ

रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। इसे बसंत महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का महत्व बताया गया है।

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