शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा (Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara)

शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा

काली घटा में चमके,

जैसे कोई सितारा ।


शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा

काली घटा में चमके,

जैसे कोई सितारा ।


जय जय भोलेनाथ भंडारी,

जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।


शेश नाग मस्तक पर सोहे,

गल मुंडन की माला मोहे,

नंदी गण गौरा संग साजे,

गणपति लाल दुलारा ।


शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा

काली घटा में चमके,

जैसे कोई सितारा ।


जय जय भोलेनाथ भंडारी,

जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।


योगनियाँ संग शोर मचावे,

तांडव नाच करे सब गावे,

हर हर महादेव पुकारे,

जय जय शिव ॐकारा,


शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा

काली घटा में चमके,

जैसे कोई सितारा ।


जय जय भोलेनाथ भंडारी,

जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।


आक धतूरा खाने वाले,

विष का प्याला पीने वाले,

विशवनाथ और अमरनाथ में,

मुक्ति का तेरा द्वारा ।


शंकर तेरी जटा से,

बहती है गंग धारा

काली घटा में चमके,

जैसे कोई सितारा ।


जय जय भोलेनाथ भंडारी,

जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।

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हनुमान जी मिलेंगे, राम राम बोल (Hanuma Ji Milenge Ram Ram Bol)

हनुमान जी मिलेंगे,
राम राम बोल,

माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप की(Sari Duniya Hai Diwani Radha Rani Aapki)

सारी दुनियां है दीवानी,
राधा रानी आप की,

गुप्त नवरात्रि कथा

2025 में उदयातिथि के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 7 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। ऐसे में माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी से होगी।

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