तुम शरणाई आया ठाकुर(Tum Sharnai Aaya Thakur)

तुम शरणाई आया ठाकुर

तुम शरणाई आया ठाकुर ॥


उतरि गइओ मेरे मन का संसा,

जब ते दरसनु पाइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर


अनबोलत मेरी बिरथा जानी

अपना नामु जपाइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर


दुख नाठे सुख सहजि समाए,

अनद अनद गुण गाइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर


बाह पकरि कढि लीने अपुने,

ग्रिह अंध कूप ते माइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर


कहु नानक गुरि बंधन काटे,

बिछुरत आनि मिलाइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर


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शिवजी से दिल लगा ले (Shivji Se Dil Lagale)

शिवजी से दिल लगा ले,
शिव जी है भोले भाले,

कान्हा मेरी राखी का, तुझे कर्ज चुकाना है (Kanha Meri Rakhi Ka Tujhe Karj Chukana Hai)

कान्हा मेरी राखी का,
तुझे कर्ज चुकाना है,

मेरे उठे विरह में पीर(Mere Uthe Virah Me Pir)

मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी ॥

सूर्य प्रार्थना

प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम् ॥

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