आ जाओ सरकार, दिल ने पुकारा है (Aa Jao Sarkar Dil Ne Pukara Hai)

आ जाओ सरकार,

दिल ने पुकारा है,

हारे ये नैनो के तार,

ओझल नजारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


फितरत ज़माने की,

बड़ी ही बेगैरत है,

कोई नही यार,

तू ही हमारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


जाऊं किस डगर पे मुझको,

नसीहत तो दीजिए,

छाया है अंधकार,

करना उजारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


रहमत की अपनी थोड़ी,

वसीयत तो कीजिये,

कहलाते दातार,

भरा भंडारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


‘निर्मल’ की रूह से तो,

पूछ करके देखिए,

दूजा मिले ना सार,

श्याम ही गवारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


आ जाओ सरकार,

दिल ने पुकारा है,

हारे ये नैनो के तार,

ओझल नजारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


........................................................................................................
कार्तिगाई दीपम उत्सव से जुड़ी पौराणिक कथा

कार्तिगाई दीपम उत्सव दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भगवान कार्तिकेय और शिव को समर्पित है। यह उत्सव तमिल माह कार्तिगाई की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को आयोजित होता है।

जय हो शिव भोला भंडारी (Jai Ho Shiv Bhola Bhandari Lela Aprampar Tumhari Bhajan)

जय हो शिव भोला भंडारी,
लीला अपरंपार तुम्हारी,

रण में आयी देखो काली(Ran mein aayi dekho Kali)

रण में आयी देखो काली,
खून से भरने खप्पर खाली,

पहिले पहिल हम कईनी

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहर,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने