आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो (Aao Meri Sakhiyo Mujhe Mehandi Laga Do)

ऐसे वर को क्या वरु,

जो जनमे और मर जाये,

वरीये गिरिधर लाल को,

चुड़लो अमर हो जाये ॥


आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो,

मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


सतसंग मे मेरी बात चलायी,

सतगुरु ने मेरी किनी सगाई,

उनको बोला के हथलेवा तो करा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


ऐसी पहनी चूड़ी जो कबहू ना टूटे,

ऐसा वरु दूल्हा जो कबहू ना छूटे,

अटल सुहाग की बिंदिया लगा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


भक्ति का सुरमा मैं आख मे लगाउंगी,

दुनिया से नाता तोड़ मैं उनकी हो जाउंगी,

सतगुरु को बुला के फेरे तो पडवा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


बाँध के घुंघरू मै उनको रीझाऊंगी,

ले के इकतारा मै श्याम-श्याम गाऊँगी,

सतगुरु को बुला के बिदा तो करा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


आओ मेरी सखियों मुझे मेहँदी लगा दो,

मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


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चैत्र अमावस्या मुहूर्त और तिथि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र अमावस्य को बहुत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह हिंदू नववर्ष की शुरुआत के एक दिन पहले मनाई जाती है।

भगवान कार्तिकेय के प्रमुख मंदिर

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक चंद्र मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। इसलिए भक्त हर महीने इस तिथि को उनका जन्मोत्सव मनाते हैं।

मेरी आस तू है माँ, विश्वास तू है माँ(Meri Aas Tu Hai Maa Vishwas Tu Hai Maa)

मेरी आस तू है माँ,
विश्वास तू है माँ,

भाव सुमन लेकर मैं बैठा, गौरी सुत स्वीकार करो (Bhav Suman Lekar Main Baitha Gaurisut Swikar Karo)

भाव सुमन लेकर मैं बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो,

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