अब मैं सरण तिहारी जी (Ab Main Saran Tihari Ji)

अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥


अजामील अपराधी तारे,

तारे नीच सदान ।

जल डूबत गजराज उबारे,

गणिका चढी बिमान ॥


अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥


और अधम तारे बहुतेरे,

भाखत संत सुजान ।

कुबजा नीच भीलणी तारी,

जागे सकल जहान ॥


अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥


कहँ लग कहूँ गिणत नहिं आवै,

थकि रहे बेद पुरान ।

मीरा दासी शरण तिहारी,

सुनिये दोनों कान ॥


अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥

अब मैं शरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥

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आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में (Aana Ganapati Deva Hamare Ghar Kirtan Mein)

आना गणपति देवा,
हमारे घर कीर्तन में,

साँवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठाणी है(Sanwariyo Hai Seth Mhari Radha Ji Sethani Hai)

साँवरियो है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,

शिवाष्ट्कम्: जय शिवशंकर, जय गंगाधर.. पार्वती पति, हर हर शम्भो

जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुख-सार हरे,

ममता मई माँ हे जगदम्बे(Mamtamayi Maa Hey Jagdambe)

ममता मई माँ हे जगदम्बे,
मेरे घर भी आ जाओ,

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