अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

मैं समझाऊँ तोय,

कन्हैया मैं समझाऊँ तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


नव लख धेनु तेरे बाबा के,

नव लख धेनु तेरे बाबा के,

नित नयो माखन होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


कमी नाही तेरे काहू की,

कमी नाही तेरे काहू की,

हँसी हमारी होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


बरसाने ते तेरी होय सगाई,

बरसाने ते तेरी होय सगाई,

नित प्रति चर्चा होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


बड़े घरन की राजदुलारी,

बड़े घरन की राजदुलारी,

नाम धरेंगी तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


अरे माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

मैं समझाऊँ तोय,

कन्हैया मैं समझाऊँ तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥

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महाकाल की गुलामी मेरे काम आ रही है (Mahakal Ki Gulami Mere Kam Aarhi Hai)

उनकी ही कृपा से
एकदम मस्त जिंदगी है

बजरंगी बलशाली, तेरा पार ना कोई पाए (Bajrangi Balshali Tera Paar Na Koi Paye)

बजरंगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए,

ज्वारे और अखंड ज्योत की परंपरा

तैत्तिरीय उपनिषद में अन्न को देवता कहा गया है- अन्नं ब्रह्मेति व्यजानत्। साथ ही अन्न की निंदा और अवमानना ​​का निषेध किया गया है- अन्नं न निन्द्यात् तद् व्रत। ऋग्वेद में अनेक अनाजों का वर्णन है I

गजानन आये मेरे द्वार(Gajanan Aaye Mere Dwar )

गजानन आए मेरे द्वार॥
श्लोक – वक्रतुंड महाकाय,

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