अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

मैं समझाऊँ तोय,

कन्हैया मैं समझाऊँ तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


नव लख धेनु तेरे बाबा के,

नव लख धेनु तेरे बाबा के,

नित नयो माखन होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


कमी नाही तेरे काहू की,

कमी नाही तेरे काहू की,

हँसी हमारी होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


बरसाने ते तेरी होय सगाई,

बरसाने ते तेरी होय सगाई,

नित प्रति चर्चा होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


बड़े घरन की राजदुलारी,

बड़े घरन की राजदुलारी,

नाम धरेंगी तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


अरे माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

मैं समझाऊँ तोय,

कन्हैया मैं समझाऊँ तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥

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तुम आशा विश्वास हमारे, रामा - भजन (Tum Asha Vishwas Hamare Bhajan)

नाम ना जाने, धाम ना जाने
जाने ना सेवा पूजा

आया पावन सोमवार (Aaya Pawan Somwar)

आया पावन सोमवार,
चलो शिव मंदिर को जाए,

मोहनी मुरति साँवरी सूरति(Mohini Murat Sanwali Surat, Aai Basau In Nainan Me)

मोहनी मुरति साँवरी सूरति,
आइ बसौ इन नैनन में ।

उगादी त्योहार क्यों मनाया जाता है

उगादि दक्षिण भारत में एक महत्वपूर्ण नववर्ष उत्सव होता है। "उगादि" शब्द संस्कृत के "युग" अर्थात् "युग की शुरुआत" और "आदि" अर्थात् "आरंभ" से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है नए युग का आरंभ।

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