बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे, नजर ना लग जाए (Banke Bihari Tere Naina Kajrare Nazar Na Lag Jaye)

बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


मोर का मुकुट,

शीश पे शोभा पा रहा,

मुखड़े को देख के,

चाँद भी लजा रहा,

अधरों से छलके है,

रस की फुहारें,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


तीखी कटारें,

दोनों नैनो में कजरा,

बाल है तिहारे जैसे,

सावन के बदरा,

गालों पे छाए,

कारे कारे घुंघरारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


पतली कमर तेरी,

लचके कमाल की,

वारि वारि जाऊं तेरी,

मस्तानी चाल की,

करती पायलियां,

तेरी मीठी झनकारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


रमण बचाऊं तोहे,

सबकी नज़र से,

आजा छिपा लूं तोहे,

नैनो के घर से,

सुन मेरे प्यारे,

इस दिल की पुकारें,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


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राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली(Ram Nam Ke Heere Moti Main Bikhraun Gali Gali)

राम नाम के हीरे मोती,
मैं बिखराऊँ गली गली ।

रथ सप्तमी उपाय 2025

रथ-सप्तमी का पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल रथ-सप्तमी का पर्व 4 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है।

पापमोचनी एकादशी व्रत कथा

पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और शास्त्रों के अनुसार, इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है।

सरस्वती नदी की पूजा कैसे करें?

सरस्वती नदी का उल्लेख विशेष रूप से ऋग्वेद, महाभारत, और विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में किया गया है। वेदों में इसे एक दिव्य नदी के रूप में पूजा गया है और यह ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती से जुड़ी हुई मानी जाती है।

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