बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे, नजर ना लग जाए (Banke Bihari Tere Naina Kajrare Nazar Na Lag Jaye)

बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


मोर का मुकुट,

शीश पे शोभा पा रहा,

मुखड़े को देख के,

चाँद भी लजा रहा,

अधरों से छलके है,

रस की फुहारें,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


तीखी कटारें,

दोनों नैनो में कजरा,

बाल है तिहारे जैसे,

सावन के बदरा,

गालों पे छाए,

कारे कारे घुंघरारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


पतली कमर तेरी,

लचके कमाल की,

वारि वारि जाऊं तेरी,

मस्तानी चाल की,

करती पायलियां,

तेरी मीठी झनकारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


रमण बचाऊं तोहे,

सबकी नज़र से,

आजा छिपा लूं तोहे,

नैनो के घर से,

सुन मेरे प्यारे,

इस दिल की पुकारें,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


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तेरी प्रीत में मोहन मन बावरा है(Teri Preet Me Mohanan Man Bawra Hai)

तेरी प्रीत में मोहन,
मन बावरा है,

लंका में बज गया रे डंका श्री राम का(Lanka Mein Baj Gaya Re Danka Shree Ram Ka)

मैं माँ अंजनी का लाला श्री राम भक्त मतवाला,
मेरा सोटा चल गया रे बजा डंका राम का,

मुझे चरणो से लगा ले, मेरे श्याम मुरली वाले (Mujhe Charno Se Lagale Mere Shyam Murliwale)

मुझे चरणो से लगा ले,
मेरे श्याम मुरली वाले,

दुर्गाष्टमी में क्या करें और क्या नहीं

मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां दुर्गा की आराधना और व्रत के लिए शुभ माना जाता है।

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