हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे(He Govind He Gopal Ab To Jeevan Hare)

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ।

अब तो जीवन हारे, प्रभु शरण हैं तिहारे ॥

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे... हे गोविंद ॥


नीर पिवन हेतु गयो सिन्धू के किनारे,

सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण धरि पछारे,

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥


चार पहर युद्ध भयो ले गयो मझधारे,

नाक कान डूबन लागे कृष्ण को पुकारे,

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥


द्वारिका में शब्द गयो शोर भयो द्वारे,

शंख चक्र गदा पद्म गरुड़ तजि सिधारे,

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥


सूर कहे श्याम सुनो शरण हैं तिहारे,

अबकी बेर पार करो नन्द के दुलारे,

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥

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राम का हर पल ध्यान लगाए, राम नाम मतवाला (Ram Ka Har Pal Dhyan Lagaye Ram Naam Matwala)

राम का हर पल ध्यान लगाए,
राम नाम मतवाला,

सूरज चंदा तारे उसके - भजन (Suraj Chanda Taare Uske)

सूरज चंदा तारे उसके,
धरती आसमान,

Maa Kali Chalisa (मां काली चालीसा)

जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥

कैसी यह देर लगाई दुर्गे... (Kaisi Yeh Der Lagayi Durge)

कैसी यह देर लगाई दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी।
भव सागर में घिरा पड़ा हूँ, काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ।

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