हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे(He Govind He Gopal Ab To Jeevan Hare)

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ।

अब तो जीवन हारे, प्रभु शरण हैं तिहारे ॥

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे... हे गोविंद ॥


नीर पिवन हेतु गयो सिन्धू के किनारे,

सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण धरि पछारे,

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥


चार पहर युद्ध भयो ले गयो मझधारे,

नाक कान डूबन लागे कृष्ण को पुकारे,

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥


द्वारिका में शब्द गयो शोर भयो द्वारे,

शंख चक्र गदा पद्म गरुड़ तजि सिधारे,

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥


सूर कहे श्याम सुनो शरण हैं तिहारे,

अबकी बेर पार करो नन्द के दुलारे,

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥

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चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो (Chalo Shiv Shankar Ke Mandir Me Bhakto)

लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से,
उसे भोले शंकर ने अपना बनाया ।

म्हारा उज्जैन का महाराजा ने, खम्मा रे खम्मा(Mhara Ujjain Ka Maharaja Ne Khamma Re Khamma)

म्हारा उज्जैन का महाराजा ने,
खम्मा रे खम्मा,

देवी दुर्गा की 10 महाविद्या की साधना

हिंदू वैदिक पंचाग के अनुसार, 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। हिंदू धर्म में हर साल 4 नवरात्रि मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह की गुप्त नवरात्रि अंतिम नवरात्रि होती है।

दया कर दान विद्या का(Daya Kar Daan Vidya Ka Hume Parmatma Dena)

दया कर दान विद्या का,
हमें परमात्मा देना,

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