होली आई रे होली आई रे(Holi Ae Re Holi Aae Re)

होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी ॥

भागन पे आयो है फागण महीना कभू प्रेम की होरी बईं न,

हिरदये की आशा लता खिली है उमगी उमगी रस धारा वही है,

खूब चली पिचकारी रे पिचकारी चला दो भर जोरि,

होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी ॥


गोरी रंगीली होरी खेलन को आओ,

सोला शृंगार कर खेलन पधारो,

ढोलक मंजीरा और जांज बजाओ,

सखियाँ की सेना लेके नाचन को आओ,

घर घर से बन आई बन आई शक्ल ब्रिज की गोरी,

होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी ॥


जा जा निर्मोही छेला मोह से न करो बात,

छलियाँ निर्मोही तुमको करो धात,

मीठी मीठी बातन से मन न लुभाओ ,

मैं तो हारी मोहे अब न सताओ,

मैंने परख ले चतुराई रे ,

चतुराई परख ले अब टोरी,

होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी ॥

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जल जाये जिह्वा पापिनी, राम के बिना (Jal Jaaye Jihwa Papini, Ram Ke Bina)

राम बिना नर ऐसे जैसे,
अश्व लगाम बिना ।

वैदिक मंत्र जाप के लाभ क्या है?

ईश्वर को पाने और उनसे जुड़ने का सबसे सरल और प्रभावी माध्यम मंत्र होता है। हर मंत्र अपने अंदर दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा समेटे हुए होता है, जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है।

दूल्हा बने भोलेनाथ जी हमारे(Dulha Bane Bholenath Ji Hamare)

दूल्हा बने भोलेनाथ जी हमारे,
चली बारात गौरा जी के द्वारे,

मैं काशी हूँ (Main Kashi Hoon)

मेरे तट पर जागे कबीर,
मैं घाट भदैनी तुलसी की,

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