कन्हैया दौडा आएगा (Kanhaiya Dauda Aayega)

अपने भगत की,

आँख में आँसू,

देख ना पाएगा,

जब जब भी श्याम दिवानों के,

सर पे संकट मंडराएगा,

कन्हैया दौड़ा आएगा,

अपने भगतों के लिए,

कुछ भी कर जाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा ॥


जब दूर सवेरा हो,

घनघोर अंधेरा हो,

मेरे श्याम की आस लगाए जा,

तू छोड़ दे नैया को,

बस श्याम भरोसे पर,

बस श्याम नाम गुण गाये जा,

बनकर के माझी साँवरिया,

भव सागर पार करायेगा,

कन्हैया दौडा आएगा

कन्हैया दौडा आएगा ॥


हर एक मुसीबत ही,

खुद हल हो जाएगी,

जब मोरछड़ी लहरायेगा,

गोदी में बैठाकर के,

सीने से लगाकर के,

तेरे सिर पर हाथ फिरायेगा,

जितने भी अश्क बहे तेरे,

हर एक का मोल चुकाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा

कन्हैया दौडा आएगा ॥


विश्वास की डोरी को,

तू थाम ले कस कर के,

बाँका ना होगा बाल तेरा,

साये सा ‘तरुण’ तेरे,

संग चलता जाएगा,

ये बनकर के रखवाल तेरा,

संकट पे संकट बनकर के,

मेरा श्याम स्वयं चढ़ जाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा

कन्हैया दौडा आएगा ॥


अपने भगत की,

आँख में आँसू,

देख ना पाएगा,

जब जब भी श्याम दिवानों के,

सर पे संकट मंडराएगा,

कन्हैया दौड़ा आएगा,

अपने भगतों के लिए,

कुछ भी कर जाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा ॥

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शिव शम्भू सा निराला, कोई देवता नहीं है (Shiv Shambhu Sa Nirala Koi Devta Nahi Hai)

शिव शम्भू सा निराला,
कोई देवता नहीं है,

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया - भजन (Tu Tedha Teri Tedhi Re Najariya)

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,
मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,

भोले की किरपा, जिस पर भी रहती है (Bhole Ki Kripa Jis Par Bhi Rahti Hai)

भोले की किरपा,
जिस पर भी रहती है,

चैत्र नवरात्रि पूजा नियम

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के पावन त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है - चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कुछ नियमों का भी पालन करना होता है।

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